भारत में डाकघर का इतिहास

डाकघर (post office) एक सुविधा है जो पत्रों को जमा करने (पोस्ट करने), छांटने, पहुंचाने आदि का कार्य करती है। यह एक डाक व्यवस्था (postal system) के तहत काम करता है।

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भारतीय डाक प्रणाली का जो उन्नत और परिष्कृत स्वरूप आज हमारे सामने है, वह हजारों सालों के लंबे सफर की देन है। अंग्रेजों ने डेढ़ सौ साल पहले अलग-अलग हिस्सों में अपने तरीके से चल रही डाक व्यवस्था को एक सूत्र में पिरोने की जो पहल की, उसने भारतीय डाक को एक नया रूप और रंग दिया। पर अंग्रेजों की डाक प्रणाली उनके सामरिक और व्यापारिक हितों पर केंद्रित थी। भारत की आजादी के बाद हमारी डाक प्रणाली को आम आदमी की जरूरतों को केंद्र में रख कर विकसित करने का नया दौर शुरू हुआ। नियोजित विकास प्रक्रिया ने ही भारतीय डाक को दुनिया की सबसे बड़ी और बेहतरीन डाक प्रणाली बनाया है। राष्ट्र निर्माण में भी डाक विभाग ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है और इसकी उपयोगिता लगातार बनी हुई है। आम आदमी डाकघरों और पोस्टमैन पर अगाध भरोसा करता है। तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद इतना जन विश्वास कोई और संस्था नहीं अर्जित कर सकी है। यह स्थिति कुछ सालों में नहीं बनी है। इसके पीछे बरसों का श्रम और सेवा छिपी है।

भारत में डाकघर का इतिहास

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वर्ष —- कार्य

1766 : लार्ड क्लाइव द्वारा प्रथम डाक व्यवस्था भारत में स्थापित

1774 : वारेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता में प्रथम डाकघर स्थापित किया

1786 : मद्रास प्रधान डाकघर की स्थापना

1793 : बम्बई प्रधान डाकघर की स्थापना

1854 : भारत में पोस्ट ऑफिस को प्रथम बार 1 अक्टूबर 1854 को राष्ट्रीय महत्व के प्रथक रूप से डायरेक्टर जनरल के संयुक्त नियंत्रण के अर्न्तगत मान्यता मिली। 1 अक्टूबर 2004 तक के सफ़र को 150 वर्ष के रूप में मनाया गया। डाक विभाग की स्थापना इसी समय से मानी जाती है।

1863 : रेल डाक सेवा आरम्भ की गयी

1873 : नक्काशीदार लिफाफे की बिक्री प्रारंभ

1876 : भारत पार्सल पोस्टल यूनियन में शामिल

1877 : वीपीपी (VPP) और पार्सल सेवा आरम्भ

1879 : पोस्टकार्ड आरम्भ किया गया

1880 : मनीआर्डर सेवा प्रारंभ की गई

1911 : प्रथम एयरमेल सेवा इलाहाबाद से नैनी डाक से भेजी गई

1935 : इंडियन पोस्टल आर्डर प्रारंभ

1972 : पिन कोड प्रारंभ किया गया

1984 : डाक जीवन बीमा का प्रारंभ

1985 : पोस्ट और टेलिकॉम विभाग प्रथक किये गए

1986 : स्पीड पोस्ट (EME) सेवा शुरू

1990 : डाक विभाग मुंबई व चेन्नई में दो स्वचालित डाक प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किये गए

1995 : ग्रामीण डाक जीवन बीमा की शुरुआत

1996 : मीडिया डाक सेवा का प्रारंभ

1997 : बिजनेस पोस्ट सेवा को प्रारंभ किया गया

1998 : उपग्रह डाक सेवा शुरू

1999 : डाटा डाक व एक्सप्रेस डाक सेवा प्रारंभ

2000 : ग्रीटिंग पोस्ट सेवा प्रारंभ

2001 : इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रान्सफर सेवा (EFT) प्रारंभ

3 जनवरी 2002 : इन्टरनेट आधारित ट्रैक एवं टेक्स सेवा की शुरुआत

15 सितम्बर 2003 : बिल मेल सेवा प्रारंभ

30 जनवरी 2004 : ई-पोस्ट सेवा की शुरुआत

10 अगस्त 2004 : लोजिस्टिक्स पोस्ट सेवा प्रारंभ की गई

डाकघर याने एक सुविधा है जो पत्रों को जमा करने (पोस्ट करने), छांटने, पहुंचाने आदि का कार्य करती है।

सही है न?

अगर आप भी यही सोचते है तो अपनी सोच को अभी बदल दीजिये क्योकि डाकघर केवल पत्रों के व्यव्हार के लिए नहीं रहा लेकिन यहाँ कई एसी स्कीमे है जिसमे आप १० से १२ लाख रूपया लगाकर ३० सालो में करोड़पति बन सकते है! जानिए कैसे?

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प्रशांत सुभाषचंद्र साळुंके